अब सैटेलाइट नहीं, इस कैमरे से कटेगा टोल – जानिए नई तकनीक का पूरा प्लान!

New Toll System (नई टोल प्रणाली) : आजकल टोल प्लाजा पर लंबी कतारें और घंटों का इंतज़ार आम बात हो गई है, लेकिन अब सरकार एक नई तकनीक ला रही है जो इन सभी परेशानियों को खत्म कर सकती है। अब टोल टैक्स काटने के लिए न सैटेलाइट की ज़रूरत होगी और न ही टोल बूथ पर रुकने की – अब काम करेगा एक खास कैमरा। आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी।

New Toll System : क्या है यह नई तकनीक?

सरकार की योजना है कि आने वाले समय में टोल टैक्स की वसूली कैमरे के ज़रिए की जाए। इस तकनीक को ANPR यानी “Automatic Number Plate Recognition” कहा जाता है। इस कैमरे के ज़रिए गाड़ी की नंबर प्लेट पढ़ी जाएगी और उसी के आधार पर आपके बैंक खाते या फास्टैग से पैसे काट लिए जाएंगे।

ANPR टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

  • सड़क के किनारे कैमरे लगाए जाएंगे जो हर गाड़ी की नंबर प्लेट स्कैन करेंगे।
  • कैमरा नंबर प्लेट की फोटो लेगा और उसे तुरंत सिस्टम से मैच करेगा।
  • जिस गाड़ी की नंबर प्लेट लिंक होगी फास्टैग या बैंक अकाउंट से, उसी से टोल कटेगा।
  • ये सिस्टम रियल टाइम में काम करेगा और गाड़ी को रुकना नहीं पड़ेगा।

सरकार का उद्देश्य – सफर आसान बनाना

इस तकनीक के ज़रिए सरकार की मंशा है कि सफर को तेज़ और सुविधाजनक बनाया जाए। कई बार टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम हो जाता है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती है। ANPR से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

क्या फायदे मिलेंगे इस नई तकनीक से?

  • गाड़ियों को टोल पर रुकने की जरूरत नहीं
  • समय और पेट्रोल दोनों की बचत
  • फास्टैग की तुलना में ज्यादा तेज़ और सटीक
  • फर्जी नंबर प्लेट पर नजर रखने में मदद
  • पूरे देश में एक समान टोल व्यवस्था लागू करने में सहूलियत

क्या फास्टैग खत्म हो जाएगा?

नहीं, फिलहाल फास्टैग को पूरी तरह से हटाया नहीं जाएगा। सरकार इसे धीरे-धीरे नई तकनीक से बदलना चाहती है। अभी तो ये नई प्रणाली केवल कुछ चुनिंदा हाईवे और एक्सप्रेसवे पर ट्रायल के तौर पर लागू की जा रही है।

असली जीवन से एक उदाहरण

नोएडा में रहने वाले अजय मिश्रा, जो रोज़ ऑफिस जाने के लिए DND फ्लाईवे से गुजरते हैं, बताते हैं –
“हर दिन मुझे टोल पर कम से कम 10 मिनट की लाइन में लगना पड़ता है। लेकिन एक दिन देखा कि मेरी गाड़ी बिना रुके सीधे निकल गई और बाद में फोन पर टोल की रसीद आ गई। पता चला नई कैमरा तकनीक से टोल कट गया। सच में बहुत ही अच्छा अनुभव रहा।”

किन राज्यों में शुरू हो चुकी है ये व्यवस्था?

राज्य का नाम हाईवे का नाम स्थिति टोल की व्यवस्था
महाराष्ट्र मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे चालू कैमरा आधारित टोल
उत्तर प्रदेश ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ट्रायल मोड फास्टैग और कैमरा
दिल्ली एनसीआर DND फ्लाईवे लागू कैमरा आधारित
गुजरात अहमदाबाद-वडोदरा हाईवे योजना में जल्द ही लागू होगा
कर्नाटक बेंगलुरु आउटर रिंग रोड ट्रायल मोड कैमरा परीक्षण
तमिलनाडु चेन्नई-बेंगलुरु हाईवे आंशिक रूप से लागू कैमरा + फास्टैग
हरियाणा कुंडली-मानेसर-पलवल लागू कैमरा आधारित

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क्या है चुनौतियाँ?

  • देश के हर कोने में तकनीकी ढांचा तैयार करना आसान नहीं
  • हर गाड़ी की नंबर प्लेट साफ और मानक के अनुसार नहीं होती
  • डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर सवाल उठ सकते हैं
  • गांव या छोटे शहरों में बैंक अकाउंट और डिजिटल पेमेंट की जानकारी अभी भी सीमित है

क्या करना होगा आम आदमी को?

  • अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट सही फॉर्मेट में लगवाएं
  • गाड़ी को अपने बैंक खाते या फास्टैग से लिंक करें
  • मोबाइल नंबर अपडेट रखें ताकि रसीद और अलर्ट मिलते रहें
  • फर्जी नंबर प्लेट से बचें, वरना भारी चालान लग सकता है

व्यक्तिगत अनुभव – क्यों मुझे ये तकनीक पसंद आई?

मैंने कुछ हफ्ते पहले ही दिल्ली से आगरा यात्रा की। रास्ते में कैमरा आधारित टोल सिस्टम देखा और बिना रुके, बिना किसी झंझट के, सीधे सफर करते रहे। बाद में SMS आया कि ₹105 का टोल कट चुका है। ये अनुभव बहुत ही स्मूद रहा और मुझे लगा कि यही असली डिजिटल इंडिया है।

भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है। कैमरा आधारित टोल वसूली व्यवस्था सिर्फ सफर को आसान नहीं बनाएगी बल्कि देशभर में ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारु करेगी। अगर इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो आने वाले समय में टोल प्लाजा पर रुकने की ज़रूरत शायद ही बचे।

इसलिए ज़रूरी है कि हर गाड़ी मालिक अपनी जानकारी अपडेट रखे और आने वाली इस नई व्यवस्था के लिए तैयार रहे।

टोल नहीं, क्या अब कैमरे से होगी पार्किंग चार्ज?

हां, नई तकनीक में कैमरे से टोल काटा जा सकता है।

क्या इंटरनेट से होगी पेट्रोल-डीजल की भुगतान?

हां, अब इंटरनेट से होगी पेट्रोल-डीजल की भुगतान।

क्या इस नई तकनीक से व्यक्तिगत ड्रोन डिलीवरी होगी?

हां, यह एक विकल्प हो सकता है।

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