Indian Railways Child Ticket (भारतीय रेलवे बाल टिकट) : भारतीय रेलवे हर साल करोड़ों यात्रियों को सफर का अनुभव देता है, जिनमें बड़े, बुज़ुर्ग और बच्चे सभी शामिल होते हैं। लेकिन अक्सर देखा गया है कि छोटे बच्चों को लेकर यात्री ये मानकर चलते हैं कि उन्हें टिकट की ज़रूरत नहीं होती। अब रेलवे ने इस सोच को लेकर सख्ती दिखाई है। यदि आपने अपने बच्चे के लिए सही तरीके से टिकट नहीं लिया, तो आपको भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। चलिए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि बच्चों के टिकट को लेकर नया नियम क्या है, किस उम्र के बाद टिकट जरूरी है, और आम यात्रियों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
Indian Railways Child Ticket : उम्र के हिसाब से जरूरी या नहीं?
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार बच्चों को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- 0 से 4 साल तक के बच्चे: इन बच्चों को यात्रा के लिए टिकट की जरूरत नहीं होती, बशर्ते कि वे अलग सीट या बर्थ की मांग न करें।
- 5 से 11 साल तक के बच्चे: अगर इन्हें भी सीट या बर्थ चाहिए तो आधा टिकट देना होगा। बिना सीट के यात्रा करने पर केवल नामांकन के लिए टिकट जरूरी होता है।
- 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को व्यस्क (Adult) की तरह पूरा टिकट लेना पड़ता है।
भारतीय रेलवे बाल टिकट : क्या बदला है रेलवे के नियमों में?
हाल ही में रेलवे ने साफ कर दिया है कि अगर 5 साल से ऊपर के बच्चे बिना टिकट यात्रा करते पाए जाते हैं, और उनके लिए बर्थ की मांग की जाती है, तो यात्रियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। ये कदम उन यात्रियों पर लगाम कसने के लिए उठाया गया है जो जानबूझकर बच्चों का टिकट नहीं लेते और ट्रेन में चढ़ने के बाद बर्थ की मांग करते हैं।
नया निर्देश क्या कहता है?
- ट्रेन में TC को अधिकार होगा कि वो बच्चों का भी टिकट चेक करें।
- बिना टिकट पाए जाने पर वयस्क के बराबर जुर्माना लिया जाएगा।
- सीट की मांग करने पर पूरा किराया देना अनिवार्य होगा।
असली जिंदगी का उदाहरण
राजेश वर्मा, जो लखनऊ से पटना की यात्रा पर अपने परिवार के साथ गए थे, उन्होंने अपने 7 साल के बेटे के लिए टिकट नहीं लिया क्योंकि उन्हें लगा था कि बच्चों के लिए टिकट की ज़रूरत नहीं होती। ट्रेन में TC ने जब टिकट मांगा, तो राजेश को ₹1000 का जुर्माना भरना पड़ा। उन्होंने बताया, “अगर मुझे पहले से जानकारी होती तो मैं टिकट जरूर लेता।”
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इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं और यही कारण है कि रेलवे अब जागरूकता बढ़ाने पर ज़ोर दे रहा है।
यात्रा करते समय ध्यान देने योग्य बातें
अगर आप अपने बच्चों के साथ ट्रेन यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें:
- बच्चे की उम्र का प्रमाण पत्र जैसे कि आधार कार्ड, स्कूल ID आदि साथ रखें।
- 5 से 11 साल तक के बच्चों के लिए आधा टिकट ले लें अगर आप उन्हें सीट देना चाहते हैं।
- 12 साल या उससे अधिक उम्र वाले बच्चों के लिए हमेशा पूरा टिकट लें।
- ट्रेन में TC के साथ बहस करने से बचें; यह जुर्माना और परेशानी दोनों बढ़ा सकता है।
आधे टिकट की बुकिंग कैसे करें?
जब आप ऑनलाइन IRCTC पोर्टल या रेलवे काउंटर से टिकट बुक करते हैं, तो बच्चे की उम्र सही-सही दर्ज करें। यदि बच्चे की उम्र 5 से 11 के बीच है, तो आपको विकल्प मिलेगा कि आप उसके लिए बर्थ लेना चाहते हैं या नहीं।
उम्र | टिकट की आवश्यकता | बर्थ की स्थिति |
---|---|---|
0 से 4 साल | नहीं | अलग बर्थ नहीं |
5 से 11 साल | हां (आधा टिकट) | मांगने पर बर्थ दी जाएगी |
12 साल या अधिक | हां (पूरा टिकट) | बर्थ अनिवार्य रूप से दी जाएगी |
नियमों का उल्लंघन करने पर कितना जुर्माना?
अगर आप बच्चे के लिए आवश्यक टिकट नहीं लेते हैं, और TC को ये जानकारी मिलती है तो:
- पूरा टिकट किराया वसूला जाएगा।
- ₹250 तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
- यात्री को ट्रेन से उतारा भी जा सकता है (गंभीर मामलों में)।
व्यक्तिगत अनुभव
मैंने खुद जब दिल्ली से जयपुर यात्रा की योजना बनाई थी, तब मेरी भांजी की उम्र 6 साल थी। पहले सोचा कि टिकट की ज़रूरत नहीं होगी, लेकिन जब IRCTC से बुकिंग की तो देखा कि आधे टिकट का विकल्प है। मैंने वही किया और ट्रेन में हमारी यात्रा बहुत आरामदायक रही। TC ने टिकट मांगा तो सब कुछ क्लियर था और कोई परेशानी नहीं हुई।
इस छोटे से प्रयास ने न केवल हमें परेशानी से बचाया बल्कि अन्य यात्रियों के लिए भी मिसाल पेश की।
जानकारी ही सुरक्षा है
भारतीय रेलवे में बच्चों के टिकट को लेकर नियम अब पहले से ज्यादा स्पष्ट और सख्त हो गए हैं। अगर आप अपने बच्चे के साथ यात्रा करने वाले हैं, तो नियमों का पालन करना आपकी जिम्मेदारी है। थोड़ी सी जानकारी और तैयारी आपको जुर्माने और झंझट से बचा सकती है।
जरूरी है कि हर यात्री जागरूक हो, सही जानकारी रखे और बच्चों के टिकट को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही से बचे।
रेलवे का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए नियमों का पालन जरूरी है। तो अगली बार ट्रेन में चढ़ने से पहले बच्चों का टिकट जरूर जांच लें!
भारतीय रेलवे में जन्मे बच्चों के लिए टिकट कैसे बनाएं?
बच्चों के लिए टिकट उनकी आयु के आधार पर बनाएं।
भारतीय रेलवे में घूमने वाले पालतू पशु के लिए टिकट कैसे बनाएं?
पालतू पशु के लिए आपको अलग से टिकट खरीदना होगा।
भारतीय रेलवे में दिव्यांग यात्री के लिए टिकट कैसे बनाएं?
अपने आवश्यकताओं को साझा करें और सहायता प्राप्त करें।
भारतीय रेलवे में वृद्ध यात्री के लिए टिकट कैसे बनाएं?
वृद्ध यात्री के लिए बीमा और पहचान पत्र ले जाएं।
भारतीय रेलवे में प्रायोजित किस खेल के खिलाड़ियों के लिए विशेष टिकट है?
क्रिकेट्र्स के लिए विशेष टिकट उपलब्ध है।
भारतीय रेलवे में विदेशी यात्री के लिए टिकट कैसे बनाएं?
पासपोर्ट और वीजा की आवश्यकता होगी।
भारतीय रेलवे में राजनीतिज्ञों के लिए विशेष टिकट कैसे बनाएं?
विशेष रेवेन्यू ट्रेन का उपयोग करें।
भारतीय रेलवे में फिल्म सेलेब्स के लिए विशेष टिकट कैसे बनाएं?
स्टार्स के लिए विशेष स्थान वाले टिकट उपलब्ध कराएं।