58 की उम्र में भी पेंशन मिलेगी? प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए आया बड़ा ऐलान – Employees Pension में बदलाव

Employees Pension Scheme (कर्मचारी पेंशन योजना) : देश में करोड़ों लोग प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं, जिनका सबसे बड़ा सवाल ये रहता है – “बुढ़ापे में पेंशन कैसे मिलेगी?” हाल ही में Employees’ Pension Scheme (EPS) से जुड़ा एक अहम फैसला आया है, जो लाखों कर्मचारियों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। खासकर उन लोगों के लिए, जो 58 साल की उम्र पार कर चुके हैं या उस ओर बढ़ रहे हैं।

क्या है Employees’ Pension Scheme (EPS)?

Employees’ Pension Scheme यानी EPS को EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के तहत चलाया जाता है। इसका मकसद प्राइवेट कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक नियमित पेंशन देना है। EPS में कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने एक हिस्सा कटता है और रिटायरमेंट के बाद उसी के आधार पर पेंशन मिलती है।

EPS की मुख्य बातें:

  • यह योजना केवल EPFO से जुड़े कर्मचारियों के लिए है।
  • EPS में अधिकतम 15,000 रुपये की सैलरी तक योगदान माना जाता है।
  • कर्मचारी की उम्र 58 साल होने पर पेंशन मिलना शुरू होती है।
  • 10 साल की लगातार सेवा आवश्यक होती है।

कर्मचारी पेंशन योजना : 58 साल के बाद भी पेंशन? नया ऐलान क्या कहता है

हाल ही में EPFO ने उन कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर दी है जो 58 साल के बाद भी नौकरी कर रहे हैं या जिन्होंने 58 की उम्र के बाद EPS का लाभ लेने की कोशिश की है। नए बदलाव के तहत:

  • अब वे कर्मचारी जो 58 की उम्र पार कर चुके हैं लेकिन EPS में योग्य हैं, उन्हें भी पेंशन का लाभ दिया जा सकता है।
  • उन्हें अपने पिछले EPS योगदान का ब्यौरा देना होगा।
  • साथ ही उन्हें पेंशन शुरू करवाने के लिए एक विशेष आवेदन करना होगा।

असली ज़िंदगी का उदाहरण – रामेश्वर सिंह की कहानी

रामेश्वर सिंह, लुधियाना के एक प्राइवेट कंपनी में 30 साल तक काम करने के बाद 60 साल की उम्र में रिटायर हुए। उन्होंने EPS के तहत पेंशन का दावा किया लेकिन पहले उन्हें मना कर दिया गया क्योंकि वे 58 साल की उम्र में आवेदन नहीं कर पाए थे। अब EPFO के इस नए बदलाव से उन्हें राहत मिली और पेंशन चालू हो गई। रामेश्वर कहते हैं – “अब हर महीने 4,250 रुपये पेंशन मिल रही है, जिससे घर का थोड़ा बहुत खर्च निकल जाता है।”

EPS में बदलाव से जुड़ी ज़रूरी बातें

कौन कर सकता है आवेदन:

  • वे कर्मचारी जिन्होंने EPS में 10 साल तक योगदान दिया है।
  • 58 साल की उम्र के बाद भी जिनका EPS में नाम रहा है।
  • जिनके पास EPS नंबर और सेवा का पूरा रिकॉर्ड है।

आवेदन कैसे करें:

  • नजदीकी EPFO ऑफिस में जाएं या EPFO की वेबसाइट पर जाएं।
  • फॉर्म 10D भरें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
  • बैंक पासबुक, आधार कार्ड, सर्विस रिकॉर्ड जैसी जानकारी दें।

EPS और पेंशन की गणना कैसे होती है?

पेंशन की गणना एक तय फॉर्मूले के आधार पर होती है:

(पेंशन योग्य सैलरी × सेवा अवधि) ÷ 70

उदाहरण:

  • अगर आपकी औसतन सैलरी 12,000 रुपये है और आपने 20 साल नौकरी की है,
  • तो पेंशन होगी: (12,000 × 20) ÷ 70 = ₹3,428 प्रति माह

EPS से जुड़े अन्य फायदें

  • विधवा/परिवार पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को पेंशन मिलती है।
  • बच्चों को भी लाभ: यदि कर्मचारी की मृत्यु 58 साल से पहले हो गई है, तो बच्चों को भी पेंशन का लाभ मिल सकता है।
  • अंशदायी पेंशन की सुविधा: कुछ मामलों में पेंशन में वृद्धि की जा सकती है यदि अतिरिक्त योगदान किया गया हो।

मेरी व्यक्तिगत सलाह

मैंने खुद कई लोगों को EPS पेंशन की प्रोसेस में मदद की है। एक बार एक जानकार नहीं होने के कारण मेरे दोस्त को 3 साल पेंशन नहीं मिली, लेकिन जब हमने सब दस्तावेज़ सही किए और EPFO में दुबारा आवेदन दिया, तो उन्हें बैकडेट से पूरा भुगतान मिला। मेरी सलाह है – 55 साल की उम्र के बाद ही EPS से जुड़ी सारी जानकारी इकट्ठा कर लें और समय रहते फॉर्म भरें। देर करने से नुकसान हो सकता है।

क्या करें अब?

  • अगर आप प्राइवेट सेक्टर में हैं और EPFO में रजिस्टर्ड हैं तो EPS को हल्के में ना लें।
  • 58 साल की उम्र आते ही EPS से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करें और फॉर्म 10D भरना न भूलें।
  • अगर आपने उम्र पार कर ली है तो भी घबराएं नहीं – अब नया नियम आपके हक में है।
  • अपने EPS खाते की जानकारी समय-समय पर अपडेट करते रहें।

यह बदलाव लाखों प्राइवेट नौकरीपेशा लोगों के लिए उम्मीद की किरण है। ऐसे समय में जब बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा सबसे जरूरी होती है, EPS का सही इस्तेमाल आपकी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।

क्या युवाओं के लिए भी होनी चाहिए पेंशन की सुविधा?

जरूर, युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए।

क्या कोरोना महामारी ने पेंशन योजनाओं को परिभ्रमित कर दिया है?

हां, कोरोना महामारी ने पेंशन योजनाओं पर विचार करने की आवश्यकता उत्पन्न की है।

क्या अब पारदर्शिता से काम करना अनिवार्य हो गया है?

हां, पारदर्शिता अब आवश्यक है व्यावसायिक जीवन में।

क्या भविष्य में रोबोट्स से काम कराने से पेंशन योजनाओं में बदलाव हो सकता है?

हां, रोबोट्स की भर्ती से पेंशन योजनाओं में परिवर्तन हो सकता है।

क्या उम्र का कोई संबंध पेंशन योजनाओं से होना चाहिए?

हां, काम की अवधि के साथ पेंशन का संबंध होना चाहिए।

क्या गृहिणियों को भी मिलनी चाहिए पेंशन की सुविधा?

हां, गृहिणियों को भी मिलनी चाहिए पेंशन की सुविधा।

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