डीए बकाया पर बड़ा अपडेट (DA Arrears Big Update) : अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। पिछले लंबे समय से जो 18 महीने का डीए (Dearness Allowance) एरियर रुका हुआ था, उसे लेकर अब बड़ी अपडेट सामने आई है। सरकार की तरफ से इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और लाखों कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
चलिए जानते हैं इस खबर से जुड़ी हर वो जानकारी जो आपके लिए जरूरी और फायदेमंद हो सकती है।
DA Arrears Big Update : डीए एरियर आखिर है क्या?
महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को केंद्र सरकार हर 6 महीने में महंगाई दर के अनुसार अपडेट करती है। कोविड-19 महामारी के दौरान मार्च 2020 से जून 2021 तक कुल 18 महीनों तक डीए बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई थी।
इस दौरान कर्मचारियों को नियमित वेतन मिला, लेकिन बढ़ा हुआ डीए नहीं मिला। इसी बकाया राशि को ही डीए एरियर कहा जा रहा है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा इसका लाभ?
इस एरियर का सीधा लाभ केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को मिलेगा।
इसमें शामिल हैं:
- रेलवे कर्मचारी
- डाक विभाग के कर्मचारी
- रक्षा मंत्रालय से जुड़े कर्मचारी
- केंद्रीय सचिवालय के अधिकारी
- रिटायर्ड सीनियर अफसर और पेंशनर
18 महीने के डीए एरियर की रकम कितनी हो सकती है?
डीए एरियर की राशि कर्मचारी के वेतन स्तर और ग्रेड पर निर्भर करती है। नीचे कुछ उदाहरणों से इसे और अच्छे से समझा जा सकता है:
वेतन स्तर | अनुमानित डीए एरियर (18 महीने के लिए) |
---|---|
लेवल 1 | ₹11,880 – ₹37,554 |
लेवल 5 | ₹38,000 – ₹72,000 |
लेवल 10 | ₹76,000 – ₹1,20,000 |
लेवल 12 | ₹1,00,000 – ₹1,60,000 |
यह रकम उस कर्मचारी के लिए एक बड़ी राहत है जो बीते कई सालों से इस एरियर का इंतजार कर रहा था।
सरकार का अब तक क्या रुख रहा है?
सरकार की ओर से पहले कहा गया था कि कोविड की वजह से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए डीए बढ़ोतरी को रोकना पड़ा। लेकिन अब जब हालात सुधर चुके हैं, तो सरकार इस विषय पर फिर से विचार कर रही है।
हाल ही में कर्मचारी संघों और पेंशनरों की ओर से सरकार पर दबाव बनाया गया कि बकाया डीए एरियर का भुगतान किया जाए। सूत्रों की मानें तो अब इस दिशा में सकारात्मक संकेत मिले हैं।
असली जिंदगी से उदाहरण
राम सिंह जो कि रेलवे में क्लर्क हैं, उनका कहना है कि “हर महीने 5000-6000 रुपये डीए बढ़कर मिलते तो साल भर में काफी रकम हो जाती। अब अगर 18 महीने का एरियर एक साथ मिलेगा तो बच्चों की पढ़ाई और घर के रिनोवेशन में बड़ी मदद होगी।”
इसी तरह, गीता देवी जो कि एक रिटायर्ड पोस्ट ऑफिस कर्मचारी हैं, उन्होंने बताया कि “पेंशन में मिलने वाला डीए हमारे लिए बहुत जरूरी है। बकाया राशि से दवाई और घरेलू खर्चों में राहत मिलेगी।”
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कर्मचारी यूनियन की भूमिका
कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया है। हाल ही में JCM (Joint Consultative Machinery) की मीटिंग में इस पर चर्चा की गई थी। सरकार को यह सुझाव दिया गया कि या तो एकमुश्त भुगतान किया जाए या किस्तों में एरियर दिया जाए।
यह भी सुझाव दिया गया है कि पेंशनरों के मामले में विशेष राहत दी जाए क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य और देखभाल के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है।
क्या एरियर पर टैक्स लगेगा?
जी हां, यह एक अहम सवाल है। अगर एरियर की राशि एकमुश्त मिलती है तो उस पर टैक्स लग सकता है। हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 89(1) के तहत राहत मिल सकती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि एरियर मिलने पर अपने टैक्स सलाहकार से बात जरूर करें।
आगे क्या उम्मीद की जा रही है?
संभावना है कि आने वाले बजट या किसी विशेष घोषणा में सरकार इस बारे में अंतिम निर्णय ले सकती है। चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहेगी।
इसलिए यह सही समय है जब इस बकाया राशि पर फैसला लिया जा सकता है।
निजी अनुभव: मेरी सोच और सुझाव
मेरे खुद के परिवार में दो सदस्य केंद्र सरकार में कार्यरत हैं। जब से यह डीए एरियर रुका है, घर के कई खर्च टलते आ रहे हैं। अगर यह पैसा समय पर मिल जाए तो भविष्य की योजनाएं जैसे बच्चों की शिक्षा, निवेश और घर की मरम्मत आदि बेहतर तरीके से की जा सकती हैं।
- यह पैसा आपका हक है, जो कोविड के दौरान रोका गया था।
- एरियर मिलने से आपकी आर्थिक स्थिति को राहत मिलेगी।
- निवेश और बचत के नए मौके खुलेंगे।
- पेंशनरों के लिए जीवन यापन थोड़ा आसान होगा।
तो अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनर हैं, तो आने वाले समय में आपको एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार की तरफ से जल्द कोई ठोस ऐलान हो सकता है। तब तक आपको चाहिए कि अपने डिपार्टमेंट से जुड़े अपडेट्स पर नजर रखें और यूनियन की जानकारी लेते रहें।
यह खबर न सिर्फ एक सूचना है, बल्कि उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो लंबे समय से अपने अधिकार का इंतजार कर रहे हैं।